मज़दूर दिवस श्रमिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एक वार्षिक अवकाश है। मज़दूर दिवस की उत्पत्ति मज़दूर संघ आंदोलन से हुई है, विशेष रूप से आठ घंटे के कार्यदिवस आंदोलन से, जिसमें आठ घंटे काम, आठ घंटे मनोरंजन और आठ घंटे आराम की वकालत की गई थी।
1 मई को कामगार दिन माना जाता है इसकी शुरुवात अमेरिका के कर्मचारियोकी संघटना से प्रेरित हुई है माना जाता है कहा जाता है कि मजदूर दिवस की शुरुआत अमेरिका में मजदूर संघ आंदोलन से हुई थी। 1886 में मजदूरों के एक संघ ने 16 घंटे के कार्यदिवस के बजाय 8 घंटे के का कम के लिए आम हड़ताल बंद की घोषणा की थी। इसके बाद, यह एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया और 1 मई को मजदूर दिन भारत तथा आँय देशो मई माना जाता है ।
भारत में पहला मज़दूर दिन 1 मई 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। 1 मई दिवस समारोह 1923 में मद्रास में लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिंदुस्तान द्वारा आयोजित किया गया था। भारत में मज़दूर दिवस को सार्वजनिक त्योहार माना जाता है।और इस दिन सरकारी दफ्तर तथा प्रावेट कंपनी को छुट्टी रहेती है