World Chess Champaign: आज का दिन भारत के इतिहास मे एक महत्व पूर्ण दिवस है । भारत के पूर्व विश्व विजेता विश्वनाथन आनंद के बाद अब दुनिया का विश्व का सबसे युवा शतरंज Chess चैंपियन बना है डी.गुकेश। केवल18 वर्ष की उम्र में, गुकेश ने अपनी अद्भुत कौशल,बुद्धि रणनीति और दृढ़ संकल्प का सही से उपयोग किया है, जिसने दुनिया भर के शतरंज प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। यह ऐतिहासिक जीत न केवल उनकी प्रतिष्ठा को ऊंचा करती है, बल्कि वैश्विक शतरंज मंच पर भारत की ताकत को भी स्थापित करती है।
डी.गुकेश का आखरी सामना था चीन के मास्टर माईंड डिंग लिरेन के साथ क्या कहा डिंग के बारे मे डी गुकेश ने।
गुरुवार के दिन सिंगापूर मे हुये इस मैच मे गुकेश का सामना था चीन के मास्टर माईंड डिंग लिरेन जो एक बड़े चैंपियन है।डिग लिरेन के बारे मे गुकेश ने एक मुलाक़ात के दौरान कहा “वो एक बोहत होशियार खिलाड़ी है ,और हम भी उन्हे फॉलो करते है आज का खेल उनके पक्ष मे नहीं था ,शायद वो थोड़े शारीरिक रूप से अस्वस्थ दिख रहे थे मे उनको भी बधाई देता हु” और मे भगवान का शुक्रियादा करता हु की जो जीत मुझे मिली है उससे भारत का नाम और एक बार विश्व मे लिया जायेगा।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दी ट्वीट द्वारा बधाई।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुकेश डी को बधाई देते हा को ये जीत उनकी उल्लेखनीय बुद्धिमता और sport स्पिरिट यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट संकल्प का परिणाम है।
उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज कराया है, बल्कि लाखों युवाओं को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है।
Historic and exemplary!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2024
Congratulations to Gukesh D on his remarkable accomplishment. This is the result of his unparalleled talent, hard work and unwavering determination.
His triumph has not only etched his name in the annals of chess history but has also inspired millions… https://t.co/fOqqPZLQlr pic.twitter.com/Xa1kPaiHdg
डी गुकेश का इसके पहेले के कुछ रेकॉर्ड पे एक नजर और उनकी शुरुवाती सफर के बारे मे कुछ जानते है ।
डी. गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था, हम सभी भारतवासी जिसे की शतरंज यानी Chess राजधानी मानते है।क्यूकी यहा पे कई सारे चेस खेलाड़ी इस जगह से आये हुये है और उन्होने कई सारे रेकॉर्ड बनाये है । भारत का पहला ग्रैंड मास्टर विश्वविजता विश्वनाथन आनंद भी यहा से ही है। विश्वनाथन आनंद जी से प्रेरित होके उनके खेल को देख के गुकेश ने प्रेरित होके शतरज के खेल की बचपन से ही शुरुवात की थी।विशाल सरीन और माघेश चंद्रन के मार्गदर्शन गुकेश ने खेल खेल रहे है ।
विश्व चैंपियनशिप के साथ और भी कई सारे रेकॉर्ड है गुकेश के नाम पे
गुकेश ने छोटी सी उम्र से ही चेस खेलना चालू किया था तब से वो अनेक रेकॉर्ड बना चुके है । उनका आज का विश्व रेकॉर्ड सबसे बड़ी सफलत है और वो भी केल 18 साल की उम्र मे जो सपना गुकेश ने देखा था एक मुलाक़ात के दौरान उन्होने बताया था की मू जेवर्ल्ड का सबसे युवा चेस चैंपियन बनना है और वो आज सपना पूरा हो गया।
- एशियन यूथ चैंपियन – 2018
- वर्ल्ड यूथ चैंपियन – 2018 & 2020
- एशियन गेम्स – 2022
- ओलंपिक -2022 /2024
गुकेश को मिला 11 करोड़ का ईनाम के साथ कई सारे उपहार
विश्व चैंपियन के इस गेम के लिये हर एक गेम जीतने के बाद एक रकम उनके नाम होती है इस गेम के लिये कुल 21 करोड़ की राशि होती है जिंसमे डिग लिरेन को मिले 9 करोड़ तो डी विश्व नाथ को मिले 11 करोड़ 21 लाख और भी कई सारी भारतीय कंपनियोने उनको उप हार दिये
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विश्व चैंपियन का खेल कैसा रहा क्या रही रणनीति डी गुकेश की
विश्व शतरंज चैंपियन के लिये बोहोत ज्यादा तैयारी करी थी गुकेश ने , वो पेहले से गहरी समझ वाला है। गुकेश का चैंपियनशिप सफर उनके शांत स्वभाव और नवीन रणनीतियों से चिह्नित था। फाइनल मुकाबले में उन्होंने डिग लिरेन का सामना किया, जो एक अनुभवी खिलाड़ी और दुनिया के शीर्ष रेटेड खिलाड़ियों में से एक थे। अंडरडॉग होने के बावजूद, गुकेश ने असाधारण संयम और रणनीतिक कुशलता का प्रदर्शन किया।