Zakir Hussen: भारत के संगीत जगत के महान तबला वादक कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित ज़ाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे। लगातार कई वर्षो तक उनकी अद्भुत कला, समर्पण और संगीत के प्रति जुनून ने उन्हें भारतीय और वैश्विक संगीत का एक अमूल्य सितारा बना दिया था। उनके निधन की खबर से संगीत प्रेमियों के दिलों में शोक की लहर दौड़ गई है।
झाकीर हुसेन जी की जीवन यात्रा और संगीत के प्रति योगदान।
9 मार्च 1951 मे मुंबई शहर मे झाकीर हुसेन जी का जन्म हुआ था। एक मुस्लिम समाज मे जन्मे इस सितारे को पूरे विश्व मे एक अलग नाम मिला। उनके पीता का नाम उस्ताद अल्ला रक्खा वे ख़ुद एक मशहूर तबला वादक दे उस जमाने मे उन्हे लोग उस्ताद नाम से ही जानते थे। जब पिता ही संगीत क्षेत्र मे कार्यरत हो तो बेटा भी वो करेगा वैसेही झा कीर उसेन जी ने भी बचपन से ही संगीत को अपना सबकुछ दिया था ।अपने पिता उनुकरण करते उन्होने उनके साथ रहकर तबला बजाना सीखा हर कुबिया वो उन्हे सीखते गए
झाकीर हुसेन भारतीय संगीत का एक येसा नाम है,जिसने अपने भारतीय संगीत को काला को पूरे विश्व तक पोहचाया अपने तबले की आवाज से सबको मोहित मंत्रमुग्ध कर दिया।
संगीत संघर्षगाथा और उनकी संगीत प्रति लगन
उनको बचपन से ही संगीत से प्यार था तो जब वो स्टेज परफॉर्म करते थे शुरुवाती डीनो मे तब लोगो को संगीत के प्रति ज़्यादा लगाव नहीं दिखा था पर जब उनकी उंगलिया तबले पर बरसने लगी तो हर कोई अचम्बित हो गया मंत्रमुग्ध हो गया। झकी र उसेन को अंतराष्ट्रीय स्टार पर भी एक नई पहचान मिली उनकी पंडित रविशंकर के साथ बनी महफिल को सब लोगो ने देखा सुना “प्लेनेट ड्रम” जैसे अल्बम ने ग्रेमी अवार्ड जीता।
इस खतरनाक बीमारी से जुज़ रहे थे झाकीर हुसेन 73 साल की उम्र मे ही ली आखरी सास
उनका जब देहांत हुआ था तब वो अपने अमेरिका वाले घरे मे थे जब उनको टखलिफ़ होने लगी तो कुछ दिन अस्पताल मे दाखिल किया था ।कल जब ज़्यादा तखालिफ होने लगी फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर के कारण वो बीमार रहते थे फेफड़ो से जुड़ी समस्या और बढ़ाने के कारण उनको इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो गया । उनके फॅमिली मेम्बर ने सबको बता दिया की वो अब नहीं रहे। उनके बाद उनकी पत्नी और बच्चे भी है।
कई सारे दिग्गज कलाकारो ने उनको आज श्रद्धांजली अर्पित की अमिताब बच्चन से लेकर सचिन तेंदुलकर और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी ट्वीट किया
कई सारे मेडल और पुरस्कार से सम्मानित थे झाकीर हुसेन
भारत के संगीत को ऊंचाई तक पोहचने का काम किया है झाकीर हुसेन जी ने, भारत भूषण से उनको सम्मानित किया गया था ,भारत पद्मभूष भी उनको दिया ,हाली मे उनको ग्रेमी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है ,उन्होने आपने जीवन के कई साल भारत माता की संगीत सेवा मे लगाए हुये है।
कितनी संपत्ति के मालिक थे और कोण कोण है परिवार मे ।
ज़ाकिर हुसेन जी की पत्नी का नाम एंटोनिया मिनेकोला है और उनको दो बेटियाँ भी है उनकी पत्नी एक अमेरिकन डांसर है,साथ मे वो सिखाती भी है उनके दोनों बेटी का नाम है अनीसा कुरेशी और इसाबेला कुरेशी
उनकी कुल संपत्ति खबर्रों के अनुसार 10 करोड़ तक मनी जाती है । और ये ज़्यादातर आपने शो और ऍड की वजह से मिली हुयी है।
भारत को मिला युवा विश्व विजता डी गुकेश केवल 18 साल की उम्र मे बनाया विश्व रेकॉर्ड
विशेष योगदान जो भारत के संगीत के लिया एक नया मोड लाया
फिल्म संगीत :हिट अँड डुस्टऔर वन डॉट ने उनका संगीत दिया गया है
तबला की काला का प्रचार पूरे विश्व मे करने वाले एकमात्र भारतीय वो थे तबला के साथ उन्होने बतोर जज और फ़्यूजन और फिल्म को भी संगीत दिया है।